शेयर मार्केट में ज्यादातर लोगों को लॉस ही हो रहा है। इसका एकमात्र कारण है बिना कुछ सोचे-समझे बिना कंपनी के बारे में जाने किसी के कहने पर किसी भी कंपनी में निवेश करना। अगर आप भी शेयर मार्केट में किसी कंपनी में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि आज हम आपको बताने वाले हैं कि शेयर मार्केट में किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले क्या-क्या देखना चाहिए।
Corona Virus : Corona Virus के आने के बाद शेयर मार्केट में नए लोग बहुत तेज़ी से आए हैं। लेकिन ज्यादातर लोगों को शेयर मार्केट में लॉस ही हो रहा है।
इसका एकमात्र कारण है बिना कुछ सोचे समझे बिना कंपनी के बारे में जाने किसी के कहने पर किसी भी कंपनी में निवेश करना।
तो अगर आप भी शेयर मार्केट में किसी कंपनी में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
क्योंकि आज हम आपको बताने वाले हैं कि शेयर मार्केट में किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले क्या-क्या देखना चाहिए तथा किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं उन बातों को-
शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले ध्यान रखें इन बातों का
1. कंपनी का इतिहास कैसा है
2. कंपनी का बिज़नेस क्या है
3. कंपनी में प्रमोटर की हिस्सेदारी कितनी है
4. कंपनी के ऊपर कर्ज़ तथा कंपनी के पास मौजूद कैश रिज़र्व कितना है
5. कंपनी का कैश फ्लो स्टेटमेंट कैसा है
6. कंपनी का रिटर्न रेश्यो कैसा है
7. कंपनी का वैल्यूएशन कितना है
8. एक बार में पूरा पैसा निवेश ना करें
9. जल्दीबाज़ी ना करें
1. कंपनी का इतिहास कैसा है
कंपनी का इतिहास कैसा है इस बात से यह मतलब है कि कंपनी ने पहले कभी कोई ऐसा निर्णय तो नहीं लिया है जिसके कारण उसके शेयरधारकों को नुकसान उठाना पड़ा हो। इसके साथ ही साथ यह भी देखना जरूरी है कि कंपनी अपने शेयरधारकों के बारे में सोचती है कि नहीं।
2. कंपनी का बिज़नेस क्या है
कंपनी का बिज़नेस क्या है इस बात से यह मतलब है कि कंपनी आखिर करती क्या है। कंपनी जो प्रोडक्ट बनाती है या जो सर्विस प्रोवाइड करती है, उसकी मार्केट में डिमांड है या नहीं। इसके साथ ही साथ यह भी देखना जरूरी है कि आने वाले समय में कंपनी के द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट या दी जाने वाली सर्विस की डिमांड बढ़ेगी या नहीं।
3. कंपनी में प्रमोटर की हिस्सेदारी कितनी है
कंपनी में प्रमोटर की हिस्सेदारी कितनी है इस बात से यह मतलब है कि किसी भी कंपनी के बारे में एनालिसिस करते समय यह देखना भी बहुत जरूरी होता है कि उस कंपनी में प्रमोटर की हिस्सेदारी कितनी है। क्योंकि प्रमोटर ही वो लोग होते हैं जो कंपनी के बारे में सब कुछ अच्छे से जानते हैं तथा उस कंपनी को अच्छी तरह से समझते हैं और उस कंपनी को चला रहे होते हैं। तो ऐसे में अगर कंपनी में प्रमोटर की हिस्सेदारी ज्यादा है तो यह उस कंपनी के लिए अच्छा माना जाता है।
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4. कंपनी के ऊपर कर्ज़ तथा कंपनी के पास मौजूद कैश रिज़र्व कितना है
किसी भी कंपनी में निवेश करते समय यह भी देखना बहुत जरूरी होता है कि कंपनी के ऊपर कर्ज तो नहीं है। अगर है तो यह देखना जरूरी होता है कि कंपनी के बैलेंस शीट में कैशरिजर्व कितना है क्योंकि अगर कंपनी के ऊपर कर्ज उसके पास मौजूद कैश रिजर्व से कम है तो चिंता की कोई बात नहीं है। कंपनी आराम से उस कर्ज को चुका देगी।
लेकिन अगर कर्ज मौजूद कैश रिज़र्व से ज्यादा है तो उस कंपनी के लिए अच्छी बात नहीं है और ना ही उसके निवेशकों के लिए क्योंकि कर्ज कंपनी को डूबा देती है।
5. कंपनी का कैश फ्लो स्टेटमेंट कैसा है
कैश फ्लो स्टेटमेंट में यह पता चलता है कि कंपनी जो बिजनेस करती है तो उससे आने वाले पैसे उसके पास आए हैं या नहीं।
अगर कंपनी के पास वो पैसे नियमित समय पर आ जाते हैं तो सही है लेकिन उसमें देरी हो रही है तो यह उस कंपनी के लिए ठीक बात नहीं है क्योंकि अगर वह पैसे उसके पास नहीं आयेंगे तो वह कंपनी आगे बिजनेस कैसे करेगी। तो कैश फ्लो स्टेटमेंट देखने से यही पता चलता है।
6. कंपनी का रिटर्न रेश्यो कैसा है
जब भी किसी कंपनी के रिटर्न रेश्यो की बात होती है तो दो ही रिटर्न रेश्यो को देखा जाता है। पहला ROCE तथा दूसरा ROE.
यह हर कंपनी के लिए अलग-अलग होता है इसलिए हर कंपनी के इसे अलग तरह से देखना चाहिए तथा वह कंपनी जिस सेक्टर में काम करती है उस सेक्टर की बाकी कंपनी के रिटर्न रेश्यो से भी तुलना करके देखना चाहिए।
7. कंपनी का वैल्यूएशन कितना है
जब भी बात कंपनी के वैल्यूएशन की होती है तो उसे दो तरह से देखा जाता है। पहला PE रेश्यो के हिसाब से तथा दूसरा PEG रेश्यो के हिसाब से।
अगर कंपनी का PE रेश्यो उस कंपनी के इंडस्ट्री के PE रेश्यो से कम है तो उस कंपनी का वैल्यूएशन उस कंपनी के कमाई के हिसाब से कम है और निवेश के लिए वह कंपनी अच्छी है अगर कंपनी में बाकी सब अच्छा है तो। अगर PE रेश्यो इंडस्ट्री PE रेश्यो के बराबर है तो उस कंपनी का वैल्यूएशन कमाई के हिसाब से ठीक है, लेकिन अगर PE रेश्यो इंडस्ट्री PE रेश्यो से ज्यादा है तो उस कंपनी का वैल्यूएशन कमाई के हिसाब से बहुत ज्यादा है।
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अगर उस कंपनी का PEG रेश्यो 1 से कम है तो उस कंपनी का वैल्यूएशन उसके ग्रोथ के हिसाब से कम है। अगर उस कंपनी का PEG रेश्यो एक के बराबर है तो उस कंपनी का वैल्यूएशन उसके ग्रोथ के हिसाब से ठीक है। लेकिन अगर उस कंपनी का PEG रेश्यो एक से ज्यादा है तो उस कंपनी का वैल्यूएशन उसके ग्रोथ के हिसाब से ज्यादा है और अभी उस कंपनी में निवेश करना ठीक नहीं है। अभी थोड़ा इंतजार करना ठीक रहेगा।
8. एक बार में पूरा पैसा निवेश ना करें
किसी भी कंपनी में निवेश करते समय यह बात हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि आपके निवेश करने के बाद हो सकता है कि उस कंपनी का शेयर प्राइस नीचे भी चला जाए।
इसलिए किसी भी कंपनी में निवेश करते समय एक बार में पूरा पैसा निवेश ना करें। हमेशा थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करें ताकि अगर उस कंपनी का शेयर प्राइस आपके निवेश करने के बाद नीचे भी चला जाता है तो आपके पास पैसे हों ताकि आप उस कंपनी के शेयर को और सस्ते में खरीद सकें।
9. जल्दीबाज़ी ना करें
किसी भी कंपनी में निवेश करने के बाद लोग बहुत जल्दीरिटर्न की उम्मीद करने लगते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा हर बार नहीं होगा कि आपके निवेश करने के बाद उस कंपनी का शेयर प्राइस ऊपर ही जाए।
कई बार इसमें थोड़ा वक्त लगता है। तो इसलिए कंपनी में निवेशित रहें और जल्दबाजी ना करें। इसीलिए फंडामेंटली स्ट्रॉन्ग कंपनी में ही निवेश करें ताकि आप उस कंपनी में निवेशित रह सकें।