अगर आप हर महीने ₹5000 का निवेश अगले 15 साल के लिए करते हैं तो आपको एसआईपी और पीपीएफ में से किसमें सबसे अधिक फायदा होगा। आइए जानते हैं
Mutual Fund SIP vs PPF : शेयर बाजार में निवेश करके बढ़िया रिटर्न हर कोई कमाना चाहता है। लेकिन शेयर बाजार में जोखिम भी होता है।
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपके लिए शेयर बाजार में निवेश से जुड़ी सभी बातों का जानना जरूरी है और खास कर आपको शेयर बाजार में फुल टाइम काम करना होगा तभी जाकर आप शेयर बाजार में सफल हो पायेंगे।
लेकिन यह हर किसी के लिए यह संभव नहीं है क्योंकि हर कोई इसमें अपना पूरा समय नहीं दे सकता है। कोई इंसान अगर नौकरी कर रहा है या किसी और काम में लगा हुआ है तो वह इसमें अपना पूरा समय नहीं दे सकता है।
ऐसे में उसके पास निवेश के कुछ ही विकल्प बचते हैं जैसे कि बैंक में एफडी कराना, म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी करना या पीपीएफ में पैसे जमा करना।
आज हम आपको म्यूचुअल फंड में एसआईपी और पीपीएफ के बीच के अंतर को बताने वाले हैं कि लंबी अवधि में कहां निवेश करने से आपको सबसे अधिक फायदा होगा। आइए जानते हैं
चलिए मान लेते हैं कि अगर आप हर महीने ₹5000 का निवेश अगले 15 साल के लिए करते हैं तो आपको एसआईपी और पीपीएफ में से किसमें सबसे अधिक फायदा होगा।
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सबसे पहले जानते हैं पीपीएफ के बारे में
पीपीएफ का मतलब होता है पब्लिक प्रोविडेंट फंड। इसमें बिना किसी चिंता के पैसे डाले जा सकते हैं क्योंकि इसमें सरकार गारंटी देती है और पीपीएफ खाता की मैच्योरिटी 15 साल में होती है।
एक वित्त वर्ष में आप केवल 1.5 लाख रुपए तक की ही रकम को पीपीएफ में निवेश कर सकते हैं और अभी के समय में पीपीएफ में पैसे निवेश करने पर आपको आराम से 7.1% का इंटरेस्ट रेट मिल सकता है।
इसमें आपको 1.50 लाख रुपए का भी छूट आपके टैक्स पर मिल जाता है। अब अगर आप हर महीने इसमें ₹5000 डालते हैं तो एक साल में आप इसमें ₹60,000 का निवेश करेंगे और 15 साल में 9 लाख रुपए का।
अभी के समय में पीपीएफ में निवेश करने पर आपको 7.1% का ब्याज मिल रहा है तो 15 साल में आपको ₹7,27,284 का ब्याज मिलेगा।
मैच्योरिटी होने पर आपको ब्याज के साथ ही आपके द्वारा निवेश किए गए पैसे भी मिलेंगे जोकि कुल मिलाकर ₹16,27,284 के बराबर होगा।
लेकिन इसमें ध्यान देने वाली बात यह भी है कि अगर आप पीपीएफ के मैच्योरिटी से पहले ही पैसे निकालते हैं तो आपको 1% ब्याज कम करके ही पैसे दिए जाएंगे।
अब बात करते हैं एसआईपी की
एसआईपी का मतलब होता है सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान। एसआईपी के जरिए आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं। इसमें आपको सालाना 12% का रिटर्न मिल जाता है।
अगर आप इसमें हर महीने ₹5000 का निवेश करते हैं तो 15 साल में 9 लाख रुपए का निवेश करेंगे। और 12% के रिटर्न के हिसाब से आपको 15 साल के बाद ₹16,22,880 का तो सिर्फ ब्याज ही मिलेगा और मैच्योरिटी के बाद आपको मिलने वाली राशि करीब ₹25,22,880 के बराबर होगी।
तो इससे यह साफ पता चलता है कि लंबी अवधि में एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना पीपीएफ में निवेश करने से ज्यादा फायदेमंद है। लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि म्यूचुअल फंड में पीपीएफ के मुकाबले ज्यादा जोखिम होता है जबकि पीपीएफ में जोखिम बिलकुल भी नहीं होता है।
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Disclaimer : यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है। यह निवेश की सलाह नहीं है। यह आर्टिकल ऊपर बताए गए शेयर में निवेश करने की सलाह नहीं देता। इस आर्टिकल से होने वाले नुकसान के लिए हम तथा एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज फर्म/ हाउस जिम्मेदार नहीं होंगे। शेयर मार्केट में निवेश बाज़ार के जोखिमों के अधीन होता है तथा किसी भी तरह का निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें।